हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस उलेमा के सचिव और प्रमुख जाकिर-ए-अहले-बैत और सरल विचारों वाले धार्मिक विद्वान मौलाना मेहदी अली हादी के निधन की दुखद खबर ने अकादमिक, धार्मिक और सार्वजनिक हलकों में गहरे शोक और शोक की लहर दौड़ा दी है। दिवंगत ने अपना जीवन मिहराब और मिहराब की सेवा और सैय्यद अल-शुहादा (अ) की याद को बढ़ावा देने में बिताया, और उनकी भाषण शैली हमेशा श्रोताओं के दिलों को छूती थी।
मृतक के निधन पर ऑल इंडिया शिया मजलिस उलेमा व जाकिरीन के अध्यक्ष मौलाना डॉ. सैयद निसार हुसैन हैदर आका ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया है, जिसका मजमून इस प्रकार है:
इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहे राजेऊन
अहले बैत के सच्चे जाकिर, राष्ट्र के सेवक और हर दिल के प्यारे एक बेहद सादगी पसंद शख्सियत, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा मिम्बर और मेहराब की सेवा में गुजारा। मृतक हमेशा सैयदुल शोहदा (अ) को याद करने के लिए तैयार रहते थे और नेकियों और बदकिस्मतियों का बहुत अच्छे तरीके से वर्णन करते थे। आज जैसे ही यह खबर आम हुई कि किबला का इंतकाल हो गया, मोमिनों के दिल गमगीन हो गए और लोग झुंड बनाकर किबला के खजाने की ओर जाने लगे। देखते ही देखते घर के आसपास की सभी गलियों में लोगों की भीड़ ही भीड़ नजर आई और हर किसी की जुबान पर एक ही शब्द था: सबसे अच्छा और सबसे सच्चा किबला इस दुनिया से चला गया।
बेशक, हम उनकी ईमानदारी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उनके मुरीदों ने उन्हें कितना प्यार दिया। हालांकि, एक दिन सभी को जाना ही है। हम सभी, मजलिस उलेमा वल जाकिरीन के सदस्य, उनके परिवार के दुख को समान रूप से साझा करते हैं और सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर मृतक को दया के दायरे में स्थान प्रदान करें और उनके जीवित बचे लोगों को धैर्य प्रदान करें।
ग़म मे शरीक:
मौलाना डॉ. सैयद निसार हुसैन हैदर आग़ा
अध्यक्ष, ऑला इंडिया शिया मजलिस उलेमा वल जाकिरीन, हैदराबाद डेक्कन
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